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अजनबी आंटी को बस में गरम किया... |AJNABI AUNTY KO BUS ME GARAM KIYA...






हाय दोस्तों ...मेरा नाम है हर्ष |मै अभी 21 साल का हुआ हू |ऐसे तो मै UP का रहने वाल हू ,पर जब मै  कोल्कता से बिहार दोस्तों के साथ न्यू इयर मनाने  जा रहा था ,तब की ये घटना है ,,जो मै आप लोगो के साथ शेयर करने जा रहा हू |तो चलिए शुरु करते है ......




मै रात को रूम से 8:30 बजे निकल गया था ,क्यू की मै बस से जा रहा था और मेरा बस 9 :30 में था | मै रूम से थोरा जल्दी निकला क्यू की बस स्टैंड जाने में मुझे करीब 30 मिनट का समय लगता है और ये ऊपर से आज कल की ट्रेफिक ,इसलिए मै रूम से थोरा जल्दी निकला |मै वहां करीब  9:10 में पहुच गया| फिर मै ने टिकेट लिए और  मै बैठने चला गया तो मेरा सीट पीछे से दुसरे नंबर पर खिड़की के पास था |मेरे बैठने के दो मिनट के बाद मेरे पास एक औरत आई और मेरे पास बैठ गई |उस समय लगभग पूरी सीट फुल ही थी |इसलिए मुझे लास्ट का सेकंड सीट मिला था और वो औरत भी लास्ट में  आई थी तो उसे मेरे बगल में मिला |बस में जायदा लाइट नही थी |फिर वो आंटी मेरे पास अपना  बैग रख कर निचे आ गई |मै भी निचे आ गया सोचा कुछ ले लेता हू |बाहर काफी लाइट थी तो मै निचे आ गया कुछ लेने |तभी मेरा नजर राईट साइड में उस आंटी पर गया जो बगल के ठेले से पानी की बोतल ले रही थी |आप ये कहानी onlyadult720.blogspot.com पर पढ़ रहे है |




वो आंटी नारंगी रंग की साड़ी पहनी हुई थी |वो लगभग 35 साल की होगी ,न वो जायदा मोटी थी न जायदा पतली |एक दम नार्मल थी |फिर वो बोतल ले कर थोरा पानी पी ,फिर मेरे तरफ सीधे खड़े हो कर इधर -उधर देखने लगी |तब मैंने उसे गौर से देखा ...क्या माल थी यार ...उसके बूब्स नार्मल से थोरा बड़ा था ,उसके पेट पर उसकी ग़हरी नाभि एकदम साफ़ दिख रही थी |एकदम गोरा बदन लाइट में चमक रही थी |फिर मै उस ठेले के पास गया और एक बिस्किट ली |अब मै आंटी के पीछे था , पीछे से उसके ब्रा के निसान दिख रहे थे |फिर  बस स्टार्ट हो गया ,सुब्लोग बस में बैठ गए |मै खिड़की के तरफ बैठा था और वो मेरे बगल में बैठी थी |बस खुल चूका था और धेरे -धेरे आगे बढ़ रहा था |इधर मै उनकी गर्मी से गर्म हो रहा था |मेरा तो लंड भी खरा हो गया था |इतने में आंटी बोली -आप को कहा जाना है |तो मै बोला कि मै पटना जा रहा हू |फिर मै आंटी से पूछा की आप कहा जा रही है ,तो आंटी बोली की मै भी वही जा रही हू ,वहां मेरा ससुराल है |तो मैंने पूछा की आप अकेले जा रही है ,,तो उन्होंने बोला की मेरे पति वही है |फिर मै चुपचाप आंटी की गर्मी महसूस करने लगा और अपनी तिरछी आखे से उनके बूब्स के तरफ देखा तो मेरा लंड एकदम टाइट हो गया |क्यू की आंटी का बूब्स ऊपर से थोरा दिख रहा था और वो जब सास लेती या छोरती तो उनका बूब्स ऊपर निचे होता |मै ये सब देख के पागल होता जा रहा था |मन कर रहा था की उनके बूब्स को दबा दू और उनकी होठो पे जो लिपिस्टिक है वो पूरा चूस जाऊ |



ऐसे ही करीब दो घंटे बीत गए |अब बस भी अपनी रफ़्तार पकड़ चुकी थी ,थोरी ठंडी हवा भी लग रही थी और लाइट भी सब बंद हो चुके थे और सब अपनी -अपनी सीट पर सो रहे थे |आंटी भी आखे बंद की हुई थी |तभी मेरे मन का सैतान जागा |फिर क्या था मै धेरे से अपना जांघ आंटी के जांघ से चिपका दिया |आंटी आखे बंद किये हुई थी और मुझे बड़ा मजा आ रहा था |तभी मै अपना एक हाथ आंटी के पेट से सटा दिया |यार क्या मुलायम पेट था उनका ,तभी मै धीरे से उनके बूब्स को टच किया तो वो आख कोल दी |तब मै चुप -चाप बैठ गया |तभी आंटी बोली की ठंडी हवा चल तह है और ये कह कर एक गहरी सासे ली ,तब मै उनका बूब्स देख रहा था ...यार क्या मस्त बूब्स था |तभी मै अपने बैग से एक पतला सा चादर निकाला और बोला की लिगिये इसको ओढ़ लिगिये |तो आंटी बोली की तुम नही लोगे |तो मै बोला की नही मै ठीक हू  ,तभी आंटी बोली की लो तुम भी ओढ़ लो |तो मै मान गया लकिन चादर जायदा बड़ा नही था ,तो आंटी बोली की चलो हुमदोनो किसी तरह से एडजस्ट कर लेते है और इतना बोल के वो मेरे तरफ खिशक गई ,तभी मेरा हाथ उनके बूब्स पर आ गया |मै भी हाथ नही हटाया आंटी भी कुछ नही बोली |सायद आंटी भी सब समझ गई थी और वो भी मुड़ में आ गई थी |हुमदोनो आराम से बैठे थे मेरा हाथ उनके बूब्स को टच कर रहा था |फिर थोरा देर के बाद जब आंटी आख बंद कर ली तो मै अपना हाथ आंटी के बूब्स पर ले गया और धीरे से सहलाने लगा |आंटी कुछ नही बोली फिर धीरे -धीरे मै आंटी के बूब्स को दबाने लगा |कुछ देर के बाद आंटी की सासे थोरा तेज हो गई ,मै समझ गया आंटी का भी मन है |आंटी का बूब्स इतना बड़ा था की मेरा हाथ में नही आ रहा था आप ये कहानी onlyadult720.blogspot.com पर पढ़ रहे है |



तभी आंटी उठी तो मै अपना हाथ हटा लिया ,फिर आंटी चादर से बाहार आई और बोतल निकाल कर पानी पिने लगी |तभी गाड़ी थोड़ी  हिली और थोडा  पानी आंटी के बूब्स पर गिर गया| आंटी उसे झारने लगी पर उनका कुर्ती भीग चूका था |तो आंटी बोतल बंद कर रख दी और बोली अब क्या करे ,तो मै पूछा की जायदा भीग गया है, तो आंटी बोली नही सिर्फ ऊपर वाला भीगा है |फिर मै कुछ नही बोला तभी आंटी बोली की थोरा मुझे जायदा चादर दो मै बटन खोल देती हू ताकि वो जल्दी सुख जाये |मै समझ गया की आंटी जान भुज कर ये सब कर रही है |तभी आंटी थोरा चादर ली और फिर मेरे तरफ खिसक आई ,तभी मेरा हाथ उनके बूब्स से टच होने लगा |वो सच में अपना कुर्ती का बटन खोल दी थी ,अब वो सिर्फ ब्रा में थी |उनका पूरा बदन मेरे से सटा हुआ था |अब मुझे उनकी गर्मी महसूस होने लगी थी |उनका जांघ मेरे जांघ से चिपका हुआ था |अब फिर से आंटी आख बंद कर सोने का नाटक कर रही थी |बस में सभी लोग सो रहे थे |तभी मै फिर से अपना हाथ आगे बढ़ा कर उनके बूब्स को दबाने लगा |अब मै उनके निप्पल को महसूस कर रहा  था ,उनका निप्पल थोरा मोटा और लम्बा था |करीब आधे घंटे तक सहलाने के बाद मै ने  अपना एक पैर उनके जांघ पर रख दिया और उनके पैरो को थोरा फैला दिया| फिर मै अपना हाथ उनके पेट पर लाया और सहलाने लगा ,मै उनकी नाभि में हाथ डाल -डाल के सहला रहा था |थोरी देर के बाद मै चूत को सहलाने लगा |पर मै साड़ी के ऊपर से सहला रहा और वो अन्दर से पंटी पहनी हुई थी तो मुझे मजा नही आ रहा था |फिर थोरा देर के बाद मै एक हाथ से उनको पकड़ लिया और दुसरे हाथ से उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से मसलने लगा |तो आंटी धेरे -धेरे सिस्कारिया लेने लगी |मै समझ गया की आंटी गर्म हो गई है तो मै पीछे हाथ कर के उनके ब्रा को खोल दिया |अब आंटी का बूब्स आजाद हो गया था क्या बूब्स था यार एकदम चिकना ,मुलायम |मैंने जैसे ही उनका बूब्स अपने हाथो से दबाया उनके मुह से सिस्कारिया निकल गयी |आप ये कहानी onlyadult720.blogspot.com पर पढ़ रहे है |



फिर मै अपना पैर आंटी के जांघ से हटाया और उनके बूब्स को कस -कस के दबाने लगा |आंटी एकदम धीरे -धीरे आआआआआआ....ऊऊऊऊओ..........कर रही थी ,जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था |फिर अचानक आंटी मेरा हाथ पकड़ी और अपनी साडी ऊपर करके के मेरा हाथ को अपनी पंटी के अन्दर डाल दिया |मै तो आंटी को देख कर पागल हो गया |आंटी का चूत पूरा गिला हो चूका था |तभी आंटी मेरा सर पकड़ कर अपने होठो पर लगा दी |अब आंटी पूरा  गर्म हो चुकी थी |मै भी आंटी का साथ देने लगा और उनके होठो को पूरा चूसने लगा |उनके गिले चूत से मेरा भी हाथ पूरा गिला हो चूका था| उनके चूत में थोरा -थोरा बाल था लगता है एक या दो हफ्ते से उन्होंने सेविंग नही की थी| फिर जैसे ही मैंने एक ऊँगली उनके गिले चूत के अन्दर डाली , वो मछली की तरह मचल उठी फिर मै अन्दर -बाहर करने लगा| करीब 2 मिनट के बाद मै  अपना  हाथ हटाया  और उनकी पंटी को निकालने लगा |वो कुछ नही बोली ,फिर मै उनका एक पैर सीट के ऊपर रखा और उनकी चूत को रगरने लगा ,जैसे ही मै उसके चूत में अपना दो उंगली डाला वो फिर  मचल गई और मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी |फिर धेरे -धेरे करके वो मेरा लंड को बाहर निकाली और मुठ मरने लगी |मै उसके बूब्स को अपने मुह में ले कर चूस रहा था और एक हाथ से उनके मुलायम चूत को चोद रहा था |करीब 2 मिनट अन्दर -बाहर करने के बाद वो एकदम झर गई |मै बोला की आपका तो हो गया मेरा क्या होगा , तो वो बोली की इधर आओ | फिर हुमदोनो अपना सीट बदले |अब वो खिड़की के तरफ थी |अब वो निचे बैठ गई और मेरा लंड को अपने मुह के अन्दर ले ली |यार मेरी तो जान ही निकल गई थी ,उसके मुह के गर्माहट से मारा लंड और टाइट हो गया |वो मेरे लंड को पूरा अपने मुह के अन्दर बाहर कर रही थी फिर करीब 7 -8 मिनट के बाद मै उसके मुह में झर गया |वो मेरा पूरा रस को अपने मुह में ले ली |फिर हुमदोनो सब ठीक करके आराम से बैठ गए |हमलोग करीब पहुच ही गये थे |फिर करीब हम आधे घंटे के बाद बस से उतर गए |वो बोली की मुझे थोरे आगे उतरने  है |आप ये कहानी onlyadult720.blogspot.com पढ़ रहे है |तो बताइये कैसा लगा ये कहानी ,अगर अच्छा लगे तो दोस्तों को शेयर करे||


                                                                          THE    END

  

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